आइये समझते हैं इस कहानी से ....
एक बार एक किसान को कुआ खोदना था, 15-20 फिट खोद दिया गया लेकिन पानी नहीं मिला. वो उदास हो गया. किसी ने सलाह दी कि यहाँ से कुछ दूर पानी हो सकता है वहा खुदवाओ, तो उस किसान ने वहां खुदवाना शुरू कर दिया और वहा पर भी 15-20 फिट खोद दिया गया लेकिन पानी नहीं मिला.
फिर किसी और के कहने पर तीसरी जगह भी कोशिश की गई लेकिन परिणाम कुछ भी नहीं मिला वो Fail हो गया.
और फिर उस गावं के बूढ़े अनुभवी से पूछा गया उसने भी जगह बताई और वहा भी 15-20 फिट खोद दिया गया.
ओह वहां भी पानी नहीं था.
संतो से पूछा गया, स्कूल के टीचर से पूछा गया, डॉक्टर से पूछा गया, महात्माओ से पूछ लिया गया जिसने
भी जगह बताई सब जगह 15-20 फिट खोद कर हर जगह कोशिश कर के देख लिया गया लेकन पानी नही मिला.
फिर वो किसान थक गया, टूट गया, हार के बैठ गया कि इतने मेहनत के बाद भी पानी नहीं मिल रहा है. करू तो क्या करू?
तभी उसकी बीवी ने पूछा की मुझे भी तो बताओ दिक्कत क्या है, तो उस किसान ने कहा कि हर किसी से सलाह लेकर जहा-जहा भी 15-20 फिट खुदवाया गया लेकिन कही भी पानी नहीं मिला.
तो बीवी ने कहा: “घर के बाहर, जहा सबसे पहले खुदवाया था वहां और ज्यादा खुदवाओ”
किसान ने यह बात मानते हुए उसी पहले वाले कुए को खोदना शुरू किया. 15 फिट, 20 फिट, 25 फिट, 30 फिट, 35 फिट खोदने के बाद पानी मिल गया और किसान काफी खुश हुआ. और साथ में थोडा अफ़सोस भी काश इसे पहले हीं थोडा और खोदा होता तो हमें इतने बड़ी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता.
धन्यबाद !