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26 September 2015
Motivational Story in Hindi - कुएं का मेढक !
in: Inspirational (प्रेरणादायक) Story(कहानी)
नमस्कार दोस्तों,
एक कुंए मे एक मेंढक रहता था. एक बार समुद्र का एक मेंढक कुंए मे आ पहुंचा तो कुंए के मेंढक ने उसका हालचाल, अता पता पूछा. जब उसे ज्ञांत हुआ कि वह मेंढक समुद्र मे रहता हैं और समुद्र बहुत बड़ा होता हैं तो उसने अपने कुंए के पानी मे एक छोटा-सा चक्कर लगाकर उस समुद्र के मेंढक से पूछा कि क्या समुन्द्र इतना बड़ा होता हैं? कुंए के मेंढक ने तो कभी समुद्र देखा ही नहीं था. समुद्र के मेंढक ने उसे बताया कि इससे भी बड़ा होता हैं. कुंए का मेंढक चक्कर बड़ा करता गया और अंत मे उसने कुंए की दीवार के सहारे-सहारे आखिरी चक्कर लगाकर पूछा- “क्या इतना बड़ा हैं तेरा समुद्र ?”
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ये कहानी "Motivational Story in Hindi - कुएं का मेढक !" जब मैंने पढ़ी तो मुझे काफी अच्छी लगी तो सोचा की क्यों न इसे आपलोगों के साथ भी Share किया जाये. हम अपनी रोजमर्रा की जिन्दगी में बहुत से लोगो से मिलते हैं. उनमे सभी का अपना अपना व्यवहार होता है. कुछ लोग अपने आप को बहुत ज्ञानी मानते हैं ( जबकि वो होते हैं नहीं) तथा कुछ काफी नर्म स्वभाभ के होते हैं इसके विपरीत कि वो बहुत कुछ जानते हैं. तो सवाल ये है कि हमें कैसा बनना चाहिए?
आइये पढ़ते हैं ये Inspirational Story in Hindi.......
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इस पर समुद्र के मेंढक ने कहा- “इससे भी बहुत बड़ा?”
अब तो कुंए के मेंढक को गुस्सा आ गया. कुंए के अलावा उसने बाहर की दुनिया तो देखी ही नहीं थी. उसने कह दिया- “जा तू झूठ बोलता हैं. कुंए से बड़ा कुछ होता ही नहीं हैं. समुद्र भी कुछ नहीं होता.”
मेंढक वाली ये कथा यह बताती हैं कि; जितना अध्ययन होगा उतना अपने अज्ञान का आभास होगा. आज जीवन मे पग-पग पर हमें ऐसे कुंए के मेंढक मिल जायेंगे, जो केवल यही मानकर बैठे हैं कि जितना वे जानते हैं, उसी का नाम ज्ञान हैं, उसके इधर-उधर और बाहर कुछ भी ज्ञान नहीं हैं. लेकिन सत्य तो यह हैं कि सागर कि भांति ज्ञान की भी कोई सीमा नहीं हैं. अपने ज्ञानी होने के अज्ञानमय भ्रम को यदि तोड़ना हो तो अधिक से अधिक अध्ययन करना आवश्यक हैं, जिससे आभास होगा कि अभी तो बहुत कुछ जानना और पढ़ना बाकी हैं.
ये दुनिया बहुत बड़ी है जिसके ज्ञान की कोई सीमा नहीं है. इसे और नजदीक से जानने के लिए हमें निरंतर अध्यन करते रहना होगा. हमें जितना ज्ञान प्राप्त होता जायेगा उतना ही हमारा जीवन सफल होता जायेगा.
So, Keep Studying and Stay Connected with JDC for more Motivational Story in Hindi.
Thanks !
आपका दोस्त,
प्रकाश कुमार निराला
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Prakash Kumar Nirala is the founder of JeevanDarpan . He is a Student, who loves to Spread Postiviveness to All. Contact Him !!