2 अक्टूबर, भारत में इसका मतलब दो महान विभूतियों का जन्मदिन. वे हैं महात्मा गाँधी और लाल बहादुर शास्त्री. महात्मा गाँधी सत्य और अहिंसा के बल पर हमारे देश को आज़ादी दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं. वही लाल बहादुर शास्त्री जय जवान जय किसान का नारा देकर हमारे देश के दो आधार स्तंब को महान कहने वाले महापुरुष स्वतंत्र भारत के दुसरे प्रधानमंत्री के रूप में राष्ट्र को एक नए ऊंचाई पर ले गए हैं.
तो आइये जानते हैं महात्मा गाँधी के बारे में विशेष रूप से .......
उन्होंने हमारे देश के आज़ादी के बहुत सारे आन्दोलन किये जिनमे उनका मुख्य हथियार "अहिंसा" था. गाँधी जी ने सत्य को अपने जीवन में बचपन में अपनाया था. वो इतने महान थें कि शिक्षक के कहने पर भी उन्होंने परीक्षा में Cheating नहीं की. राजा हरिश्चन्द्र और श्रवण कुमार का असर उन पर बचपन से ही था.
महात्मा गांधी सत्य और अहिंसा के पुजारी थे. उनका नाम भारत ही नहीं वल्कि पुरे विश्व पटल पर शांति और अहिंसा का प्रतिक है. उन्होंने जिस प्रकार सत्याग्रह, शान्ति व अहिंसा के रास्तों पर चलते हुये अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर किया, उसका कोई दूसरा उदाहरण विश्व इतिहास में देखने को नहीं मिलता.
तभी तो प्रख्यात वैज्ञानिक आइंस्टीन ने कहा था कि -‘‘हज़ार साल बाद आने वाली नस्लें इस बात पर मुश्किल से विश्वास करेंगी कि हाड़-मांस से बना ऐसा कोई इन्सान धरती पर कभी आया था।’’
गांधीजी की 30 जनवरी को प्रार्थना सभा में नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर हत्या कर दी गयी. महात्मा गांधी की समाधि राजघाट दिल्ली पर बनी हुई है.
महात्मा गाँधी के द्वारा कहे गए कुछ अनमोल वचन >
1. व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित एक प्राणी है, वह जो सोचता है वही बन जाता है.
2. थोडा सा अभ्यास बहुत सारे उपदेशों से बेहतर है.
3. खुद वो बदलाव बनिए जो दुनिया में आप देखना चाहते हैं.
4. पहले वो आप पर ध्यान नहीं देंगे, फिर वो आप पर हँसेंगे, फिर वो आप से लड़ेंगे, और तब आप जीत जायेंगे.
5. विश्वास को हमेशा तर्क से तौलना चाहिए. जब विश्वास अँधा हो जाता है तो मर जाता है.
6. जब तक गलती करने की स्वतंत्रता ना हो तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है.
7. ख़ुशी तब मिलेगी जब आप जो सोचते हैं, जो कहते हैं और जो करते हैं, सामंजस्य में हों.
8. क्रोध और असहिष्णुता सही समझ के दुश्मन हैं.
9. पूंजी अपने-आप में बुरी नहीं है, उसके गलत उपयोग में ही बुराई है. किसी ना किसी रूप में पूंजी की आवश्यकता हमेशा रहेगी.
10. अपनी गलती को स्वीकारना झाड़ू लगाने के सामान है जो सतह को चमकदार और साफ़ कर देती है.
11. निरंतर विकास जीवन का नियम है , और जो व्यक्ति खुद को सही दिखाने के लिए हमेशा अपनी रूढ़िवादिता को बरकरार रखने की कोशिश करता है वो खुद को गलत इस्थिति में पंहुचा देता है.
12. यद्यपि आप अल्पमत में हों , पर सच तो सच है
13. जो भी चाहे अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुन सकता है. वह सबके भीतर है.
14. गर्व लक्ष्य को पाने के लिए किये गए प्रयत्न में निहित है, ना कि उसे पाने में.
15. मैं मरने के लिए तैयार हूँ, पर ऐसी कोई वज़ह नहीं है जिसके लिए मैं मारने को तैयार हूँ.
16. सत्य बिना जन समर्थन के भी खड़ा रहता है.वह आत्मनिर्भर है.
17. सत्य कभी कभी ऐसे कारण को क्षति नहीं पहुंचता जो उचित हो.
18. जहाँ प्रेम है वहां जीवन है.
19. ऐसे जियो जैसे कि तुम कल मरने वाले हो. ऐसे सीखो की तुम हमेशा के लिए जीने वाले हो.
20. भगवान का कोई धर्म नहीं है.
21. पाप से घृणा करो, पापी से प्रेम करो.
22. जिस दिन प्रेम की शक्ति , शक्ति के प्रति प्रेम पर हावी हो जायेगी , दुनिया में अमन आ जायेगा .
23. आप तब तक यह नहीं समझ पाते की आपके लिए कौन महत्त्वपूर्ण है जब तक आप उन्हें वास्तव में खो नहीं देते.
24. मैं हिंसा का विरोध करता हूँ क्योंकि जब ऐसा लगता है कि वो अच्छा कर रही है तब वो अच्छाई अस्थायी होती है; और वो जो बुराई करती है वो स्थायी होती है.
25. दुनिया में ऐसे लोग हैं जो इतने भूखे हैं कि भगवान उन्हें किसी और रूप में नहीं दिख सकता सिवाय रोटी के रूप में.
26. किसी चीज में यकीन करना और उसे ना जीना बेईमानी है.
27. हर रात, जब मैं सोने जाता हूँ, मैं मर जाता हूँ. और अगली सुबह , जब मैं उठता हूँ, मेरा पुनर्जन्म होता है.
28. आप आज जो करते हैं उसपर भविष्य निर्भर करता है.
29. स्वयं को जानने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है स्वयं को औरों की सेवा में डुबो देना.
30. मेरी अनुमति के बिना कोई भी मुझे ठेस नहीं पहुंचा सकता.
ऐसे सत्य और अहिंसा के पुजारी को इनके जन्मदिवस पर हम सभी का सत सत नमन !