शिक्षक दिवस के अवसर पर मैं लाया हूँ एक बहुत ही अच्छी Post जो न सिर्फ आपको कुछ जानने का मौका देती है वल्कि हमें कुछ खास करने का भी मौका देती है.
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्म दिवस को हम शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं. वे हमारे देश के प्रथम उपराष्ट्रपति, दुसरे राष्ट्रपति तथा एक महान शिक्षक थे. उनका जन्म तमिलनाडु राज्य के थिरुत्तनी नामक जगह पर 5 सितम्बर 1988 को हुआ था.
भारत भूमि पर अनेक विभूतियों ने अपने ज्ञान से हम सभी का मार्ग दर्शन किया है. उन्ही में से एक महान विभूति शिक्षाविद्, दार्शनिक, महानवक्ता डॉ. सर्वपल्लवी राधाकृष्णन जी ने शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया है. उनकी मान्यता थी कि यदि सही तरीके से शिक्षा दी जाय़े तो समाज की अनेक बुराईयों को मिटाया जा सकता है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी ज्ञान के सागर थे. उच्चकोटी के शिक्षाविद् डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को भारत के प्रथम राष्ट्रपति महामहीम डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने भारतरत्न से सम्मानित किया।
17 अप्रैल 1975 को 86 वर्ष की उम्र में ये महान विभूति हमे छोड़कर इश्वर को प्यारे हो गए. हम सब युवाओं को उनके जीवन से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को सर्वश्रेष्ठ बनाना चाहिए, क्योंकि शिक्षा किसी में भेद नही करती, जो इसके महत्व को समझ जाता है वो अपने भविष्य को सुनहरा बना लेता है.
प्रस्तुत है उनके द्वारा कहे गए कुछ अनमोल विचार >
1. ज्ञान हमें शक्ति देता है, प्रेम हमें परिपूर्णता देता है.
2. भगवान् की पूजा नहीं होती बल्कि उन लोगों की पूजा होती है जो उनके के नाम पर बोलने का दावा करते हैं.पाप पवित्रता का उल्लंघन नहीं ऐसे लोगों की आज्ञा का उल्लंघन बन जाता है.
3. उम्र या युवावस्था का काल-क्रम से लेना-देना नहीं है. हम उतने ही नौजवान या बूढें हैं जितना हम महसूस करते हैं. हम अपने बारे में क्या सोचते हैं यही मायने रखता है.
4. पुस्तकें वो साधन हैं जिनके माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों के बीच पुल का निर्माण कर सकते हैं.
5. कला मानवीय आत्मा की गहरी परतों को उजागर करती है. कला तभी संभव है जब स्वर्ग धरती को छुए.
6. लोकतंत्र सिर्फ विशेष लोगों के नहीं बल्कि हर एक मनुष्य की आध्यात्मिक संभावनाओं में एक यकीन है.
7. हमें मानवता को उन नैतिक जड़ों तक वापस ले जाना चाहिए जहाँ से अनुशाशन और स्वतंत्रता दोनों का उद्गम हो.
8. शिक्षा का परिणाम एक मुक्त रचनात्मक व्यक्ति होना चाहिए जो ऐतिहासिक परिस्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं के विरुद्ध लड़ सके.
9. किताब पढना हमें एकांत में विचार करने की आदत और सच्ची ख़ुशी देता है.
10. कहते हैं कि धर्म के बिना इंसान, लगाम के बिना घोड़े की तरह है.
ऐसे महान पुरुष को हम सब की ओर से सत सत नमन्. हमें गर्व होता है आप जैसे भारत के महापुरुषों पर. बहुत बहुत धन्यबाद हमारे जीवन को एक सही दिशा देने के लिए.
दोस्तों मैं खुद एक शिक्षक हूँ ऐसे में मैं ये बता सकता हूँ कि इनके बारे में आप सब को बताना कितना महत्वपुर्ण है. अगर आपको ये Post "शिक्षक दिवस - About Teacher's Day in Hindi !" अच्छी लगी तो अपने दोस्तों के साथ जरुर SHARE करें.