Monkey Vs Man - Moral Hindi Story !
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Monkey Vs Man - Hindi Story |
नमस्कार दोस्तों,
इस संसार में इंसान सबसे बुद्धिमान जीव माना जाता है. इंसान, जानवरों से बिलकुल अलग सोचने तथा समझने की एक अद्भुत शक्ति रखता है. शायद इसी शक्ति के कारण आज इंसान धरती पर राज करता है. लेकिन क्या वास्तव में इंसान अपनी इस शक्ति का सही सही उपयोग कर पाता है ?
इस बात को समझने के लिए मनोवैज्ञानिकों के द्वारा कुछ बंदरों पर एक अध्ययन किया गया जो इस प्रकार है >>>
एक बार कुछ बंदरों को एक बड़े से पिंजरे में डाला गया और वहां पर एक सीढी लगाई गई. सीढी के ऊपरी भाग पर कुछ केले लटका दिए गए.
उन केलों को खाने के लिए एक बन्दर सीढी के पास पहुंचा. जैसे ही वह बन्दर सीढी पर चढ़ने लगा, उस पर बहुत सारा ठंडा पानी गिरा दिया गया और उसके साथ-साथ बाकी बंदरों पर भी पानी गिरा दिया गया. पानी डालने पर वह बन्दर भाग कर एक कोने में चला गया.
थोड़ी देर बाद एक दूसरा बन्दर सीढी के पास पहुंचा. वह जैसे ही सीढी के ऊपर चढ़ने लगा, फिर से बन्दर पर ठंडा पानी गिरा दिया गया और इसकी सजा बाकि बंदरों को भी मिली और साथ-साथ दूसरे बंदरो पर भी ठंडा पानी गिरा दिया गया. ठन्डे पानी के कारण सारे बन्दर भाग कर एक कोने में चले गए.
यह प्रक्रिया चलती रही और जैसे ही कोई बन्दर सीढी पर केले खाने के लिए चढ़ता, उस पर और साथ-साथ बाकि बंदरों को इसकी सजा मिलती और उन पर ठंडा पानी डाल दिया जाता.
बहुत बार ठन्डे पानी की सजा मिलने पर बन्दर समझ गए कि अगर कोई भी उस सीढी पर चढ़ने की कोशिश करेगा तो इसकी सजा सभी को मिलेगी और उन सभी पर ठंडा पानी डाल दिया जाएगा.
अब जैसे ही कोई बन्दर सीढी के पास जाने की कोशिश करता तो बाकी सारे बन्दर उसकी पिटाई कर देते और उसे सीढी के पास जाने से रोक देते.
थोड़ी देर बाद उस बड़े से पिंजरे में से एक बन्दर को निकाल दिया गया और उसकी जगह एक नए बन्दर को डाला गया.
नए बन्दर की नजर केलों पर पड़ी. नया बन्दर वहां की परिस्थिति के बारे में नहीं जानता था इसलिए वह केले खाने के लिए सीढी की तरफ भागा. जैसे ही वह बन्दर उस सीढी की तरफ भागा, बाकि सारे बंदरों ने उसकी पिटाई कर दी.
नया बन्दर यह समझ नहीं पा रहा था कि उसकी पिटाई क्यों हुई. लेकिन जोरदार पिटाई से डरकर उसने केले खाने का विचार छोड़ दिया.
अब फिर एक पुराने बन्दर को उस पिंजरे से निकाला गया और उसकी जगह एक नए बन्दर को पिंजरे में डाला गया. नया बन्दर बेचारा वहां की परिस्थिति को नहीं जनता था इसलिए वह केले खाने के लिए सीढी की तरफ जाने लगा और यह देखकर बाकी सारे बंदरों ने उसकी पिटाई कर दी. पिटाई करने वालों में पिछली बार आया नया बन्दर भी शामिल था जबकि उसे यह भी नहीं पता था कि यह पिटाई क्यों हो रही है.
यह प्रक्रिया चलती रही और एक-एक करके पुराने बंदरों की जगह नए बंदरों को पिंजरे में डाला जाने लगा. जैसे ही कोई नया बन्दर पिंजरे में आता और केले खाने के लिए सीढी के पास जाने लगता तो बाकी सारे बन्दर उसकी पिटाई कर देते.
अब पिंजरे में सारे नए बन्दर थे जिनके ऊपर एक बार भी ठंडा पानी नहीं डाला गया था. उनमें से किसी को यह नहीं पता था कि केले खाने के लिए सीढी के पास जाने वाले की पिटाई क्यों होती है लेकिन उन सबकी एक-एक बार पिटाई हो चुकी थी.
अब एक और बन्दर को पिंजरे में डाला गया और आश्चर्य कि फिर से वही हुआ. सारे बंदरों ने उस नए बन्दर को सीढी के पास जाने से रोक दिया और उसकी पिटाई कर दी जबकि पिटाई करने वालों में से किसी को भी यह नहीं पता था कि वह पिटाई क्यों कर रहे है.
हमारे जीवन में भी कुछ ऐसा हीं होता है. हम आज भी अंधविश्वास और कुप्रथा से दूर नहीं हो पायें हैं जो हमारे जीवन में असफलता का एक बहुत बड़ा बाधक है. आज भी हम अन्धविश्वास को अन्दर बैठाएं हुए हैं जिसका आज कोई अस्तित्व नहीं है. सिर्फ समाज तथा लोगों के डर से इसी धारणा में बंधे हुए हैं.
जैसे सर्कस के हाथी को बचपन से ही रस्सी में बांध दिया जाता है और उसे वो जीवन भर नहीं तोड़ पाता है क्योंकि वो सोचता है कि हम इसको नहीं तोड़ सकते जबकि आज उसके पास इतनी शक्ति है कि ऐसे हजार रस्सियों को तोड़ सके !
आज हम कोई भी काम अपने मन का नहीं कर पाते हैं क्योंकि बचपन से हीं हमारे अन्दर Govt. जॉब करने का सपना बांध दिया जाता है क्योंकि सभी को लगता है कि Govt. जॉब के बाद जिन्दगी बेहतर हो जाती है, जबकि हम अपना मनपसंद काम करके उससे लाख गुना अच्छी जिन्दगी जी सकते हैं.
तो जरुरत है हम सभी को अपने उन पुराने विचारों से दूर होने का जो हमें सफल होने से रोकती है क्योंकि "हम बन्दर नहीं इन्सान हैं"
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