23 October 2015

Be Happy, Not Sad !

नमस्कार दोस्तों,

                         "बिल गेट्स" जो Microsoft के मालिक हैं कहते हैं कि "किसी के साथ भी अपनी तुलना न करें, और अगर आप ऐसा करते हैं तो अपने आप का अपमान करते हैं". उनकी शब्दों में वास्तविकता है तभी तो आज वे दुनिया के नंबर 1 Operating System Microsoft window के मालिक हैं. वे बताते हैं कि वे परीक्षा में कुछ Subjects में fail कर गए जबकि उनके दोस्त सभी Subjects में पास कर गए, आज उनका दोस्त Microsoft में Engineer है और वे इसके मालिक. दरअसल सच ये है कि हम जिस परिस्थिति में होते हैं उसमें हमेशा कुछ बदलाब चाहते हैं, हम अपने स्थिति से हमेशा दुखी रहते हैं. सोचते हैं कि हमारी जिन्दगी उसकी जैसे क्यों नहीं है जबकि वो भी यही सोच रहा होता है कि हमारी जिन्दगी उसकी जैसी क्यों नहीं है.


आइये पढ़ते हैं एक कहानी >>>

एक बार एक जंगल में एक कौवा था. वह कौवा अपने रंग से काफी दुखी था. उसे लगता था कि दूसरे पक्षियों के सामने वह बहुत काला है. उसे खुद के रंग से बहुत दुःख होता था। और हमेशा अंदर से उदास रहने लगा था.

एक दिन वह जंगल में उड़ रहा था कि उसने नीचे देखा कि पानी में एक बत्तख तैर रहा था.
वह कौवा बत्तख के पास गया और बोला "तुम कितने सफ़ेद हो। तुम तो दुनिया के बहुत खुशनसीब पक्षी हो."

कोवे की बात सुनके बतख ने जवाब दिया "हाँ हूँ तो मैं बहुत सुन्दर। परन्तु जब भी मैं तोते को देखता हूँ तो मुझे अपने आप पे गुस्सा आता है. क्यूंकि मैं तो पूरा सफ़ेद हूँ जबकि तोता तो लाल और हरे रंग का होता है"

बतख की ये बात सुनके कौवा तोते के पास गया और कहा "तुम इस दुनिया के सबसे सुन्दर और खुशनसीब पक्षी हो, तुम्हे तो अपने आप पे बहुत गर्व होता होगा"

कौवे की बात सुनकर तोते ने जवाब दिया "मुझे तब तक अच्छा लगता है जब तक मैं मोर को नहीं देख लेता. क्यूँकि मैं जब भी मोर को देखता हूँ, मुझे बहुत जलन और दुःख होता है मेरे पास सिर्फ दो ही रंग हैं जबकि मोर के पास इतने सारे रंग हैं. इतने सारे रंगों में मोर बहुत ही सुन्दर दिखता है"

कौवे को लगा बात तो तोते ने बिलकुल सही कही है. मोर तो सच में बहुत सुन्दर होता है.

और फिर वह कौवा एक चिड़ियाघर गया। जैसे ही वह वहाँ पहुँचा उसने देखा कि मोर को देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो रखी है कोई मोर को निहार रहा है और कोई मोर की फोटो खींच रहा है.

लोगों के जाने के बाद कौवा मोर के पास गया और मोर की तारीफ करके कहा "तुम इस दुनिया के सबसे सुन्दर पक्षी हो. तुम्हे अपने आप को देखके कितनी ख़ुशी होती होगी। सब तुम्हारी इतनी तारीफ करते हैं"

कौवे की यह बात सुनकर मोर ने बड़े विनम्र शब्दों में उत्तर दिया. "मैं इस दुनिया का सबसे खूबसूरत पक्षी हूँ, इसी खूबसूरती के कारण मैं इस चिड़ियाघर में कैद हूँ, क्यूंकि सब लोग मुझे देखना चाहते हैं और मुझे देखने इस चिड़ियाघर में आते हैं इसलिए मेरी यहाँ बहुत ज्यादा देखभाल की जाती है. जिससे मैं अपनी मर्ज़ी से कहीं आ जा नहीं सकता. और मुझे यह एहसास हुआ कि कौवे को कभी ऐसे कैद करके नहीं रखा जाता इसलिए मुझे हमेशा यह लगता हैं काश मैं कौवा होता. तो आज एक खुले आसमान में घूमता जहाँ मन करता आ जा सकता था "

मोर की बात सुनके कौवा चुपचाप चला गया क्यूंकि उसे अब यह एहसास हो गया था कि सिर्फ वही नहीं बल्कि सभी दुखी हैं.

हमें इस कहानी से यही सिख मिलती है कि हम हमेशा अपनी जिंदगी से कुछ ज्यादा मिलने की इच्छा रखते हैं. लेकिन हमारे जीवन में ख़ुशी का इससे कोई संबंध नहीं है. इश्वर ने हमें जो कुछ भी दिया बहुत सोच समझ कर दिया है. वो हमें ये नहीं देता जो हमें अच्छा लगता है जबकि वो हमें ये देता है जो हमारे लिए अच्छा होता है. हम बरबस हीं अपनी जिन्दगी की तुलना दुसरे से करके दुखी होते रहते हैं.

इसलिए आपके पास जो कुछ भी है उसका पूर्ण आनंद उठायें और जो नहीं है उसके बारे सोच कर दुखी होने से कोई फायदा नहीं है. इस जीवन में कुछ चीजे तो हैं जिसे हम परिश्रम से पा सकते हैं लेकिन कुछ ऐसी भी है जिसे हम चाह कर भी नहीं पा सकते क्योंकि वो हमारे लिए नहीं बनी होती है.

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